Amaal Mallik
Tu Mera Nahi
चला गया मैं दूर तूने भी रोका नहीं
दिल को दर्द ऐसा लगा जिसकी दवा नहीं

लड़ पड़ा लक़ीरों से पर कुछ भी हुआ नहीं
चलो ये मान भी लिया अब तू मेरा नहीं
तू मेरा नहीं

चला गया मैं दूर तूने भी रोका नहीं

दूर जाने पे तेरे पास आता था मैं
रूठ जाने पे तेरे सर झुकाता था मैं
बिन तेरे ज़िन्दगी का मैं क्या करूँ?
किस तरह मान लूँ तू मेरा, मैं तेरा नहीं?

मैं वहीं पे था मगर तूने ही देखा नहीं
तेरी खुशी को देखकर मैंने कुछ कहा नहीं
लड़ पड़ा लक़ीरों से पर कुछ भी हुआ नहीं
चलो ये मान भी लिया अब तू मेरा नहीं
क्यों मेरा नहीं

चला गया मैं दूर तूने भी रोका नहीं