आ..
तू ही अहम, तू ही वहम
तू ही अहम, तू ही वहम
तुझसे जूड़ा रास्ता
हम हैं पाखी भटके हुवे
तू साँझ का रास्ता
घाट तू ही पानी तू ही प्यास है
तू ही चुप्पी तू अरदास है
घाट तू ही पानी तू ही प्यास है
तू ही चुप्पी तू अरदास है
हमको तू ना माने, हम मानेंगे तुझको
घोर अंधेरे में भी पहचानेंगे तुझको
परबत तोड़ धरम का हम पायेंगे तुझको
तू रंग भी बेरंग भी
तू रंग भी बेरंग भी
शंका तू ही आस्था
हम हैं पाखी भटके हुवे
तू साँझ का रास्ता
घाट तू ही पानी तू ही प्यास है
तू ही चुप्पी तू अरदास है
तू ही अहम, तू ही वहम
तन ये भोग का आदी
मन ये कीट पतंगा
झूठ के दीवे नाचे
झूठा बने ये मलांगा
मुक्ति जो ये चाहे
तू मारे मोह अड़ंगा
तू ही सदा से दूर था
तू ही सदा से दूर था
तू ही सदा पास था
हम हैं पाखी भटके हुवे
तू साँझ का रास्ता
घाट तू ही पानी
तू ही प्यास है
तू ही छुप्पी तू अरदास है
तू ही अहम, तू ही वहम
तू ही अहम, तू ही वहम