Jatin-Lalit
Aarti

[Verse 1: Ravindra Sathe]
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को
हाथ लिए गुड़-लड्डू साईं सुरवर को
महिमा कहे न जाय लागत हूँ पद को
जय देव, जय देव
जय देव, जय देव

[Chorus: Ravindra Sathe]
जय-जय श्री गणराज, विद्या, सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन, मेरा मन रमता
जय देव, जय देव
जय देव, जय देव

[Instrumental-break]

[Verse 2: Ravindra Sathe]
भाव-भगत से कोई शरणागत आवे
संतति-संपत्ति सब ही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे
जय देव, जय देव
जय देव, जय देव

[Chorus: Ravindra Sathe]
जय-जय श्री गणराज, विद्या, सुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन, मेरा मन रमता
जय देव, जय देव
जय देव, जय देव
[Instrumental-break]

[Verse 3: Ravindra Sathe]
घालीन लोटांगण, वंदीनचरण
डोळ्यांनीपाहीनरुपतुझें
प्रेमेंआलिंगन, आनंदेपूजिन
भावेंओवाळीन म्हणेनामा
त्वमेवमाताचपितात्वमेव
त्वमेवबंधुक्ष्च सखात्वमेव
त्वमेवविध्याद्रविणं त्वमेव
त्वमेवसर्वंममदेवदेव

[Verse 4: Ravindra Sathe]
कायेनवाचा मनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मनावा प्रकृतिस्वभावात
करोमियध्य्त सकलंपरस्मे, नारायणायेति समर्पयामि
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम
श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्रभजे

[Outro]
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे