जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है
रात भर गयी कभी तो दिन
अकेला है
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है
सुकून भी तो देख भी तो
डराये रखती है
उम्मीद के चिराग भी
जलाये रखती है
हमने कितनी देर तेरा
दर्द झेला है
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है
रात भर गयी कभी तो दिन
अकेला है
जिंदगी तुने कैसा टाँस खेळा है