Mohammed Rafi
Hue Ham Jinke Liye Barbad
असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझे
कहाँ गया मेरा बचपन ख़राब कर के मुझे?
हुए हम जिनके लिए बर्बाद
वो हमको चाहे करें ना याद
जीवन-भर, जीवन-भर उनकी याद में
हम गाए जाएँगे, गाए जाएँगे
एक ज़माना था वो पल-भर
हमसे रहे ना दूर, हमसे रहे ना दूर
एक ज़माना था वो पल-भर
हमसे रहे ना दूर, हमसे रहे ना दूर
एक ज़माना ये कि हुए हैं
मिलने से मजबूर, मिलने से मजबूर
एक ज़माना ये कि हुए हैं
मिलने से मजबूर, मिलने से मजबूर
वो ग़म से लाख रहें आज़ाद
सुनें ना दर्द-भरी फ़रियाद
अफ़साना, अफ़साना हम तो प्यार का
दोहराए जाएँगे, गाए जाएँगे
मैं हूँ ऐसा दीप कि जिसमें
मैं हूँ ऐसा दीप कि जिसमें
ना बाती, ना तेल, ना बाती, ना तेल
बचपन बीता, बनी मोहब्बत
चार दिनों का खेल, चार दिनों का खेल
बचपन बीता, बनी मोहब्बत
चार दिनों का खेल, चार दिनों का खेल
रहे ये दिल का नगर आबाद
बसी है जिसमें किसी की याद
हम दिल को, हम दिल को उनकी याद से
बहलाए जाएँगे, गाए जाएँगे
हुए हम जिनके लिए बर्बाद
वो हमको चाहे करें ना याद
जीवन-भर, जीवन-भर उनकी याद में
हम गाए जाएँगे, गाए जाएँगे