Mohammed Rafi
Duniya Ki Kitabon Se Ek Din
दुनिया की किताबों से इक दिन मुश्किल ना नाम मिट जाएगा
दुनिया की किताबों से इक दिन मुश्किल ना नाम मिट जाएगा
दुनिया की किताबों से इक दिन मुश्किल ना नाम मिट जाएगा
इंसाँ के इरादों के आगे अम्बर भी सर को झुकाएगा
अम्बर भी सर को झुकाएगा
दुनिया की किताबों से इक दिन मुश्किल ना नाम मिट जाएगा
समझो ना हमें तुम पत्थरदिल, सीने में हमारे प्यार भी है
नाज़ किसी-किसी की याद भी है, इक सपनों का संसार भी है
जो कुछ भी हसीं है इस जग में, कुछ और हसीं कहलाएगा
दुनिया की किताबों से इक दिन मुश्किल ना नाम मिट जाएगा
हर, हर बंधन को तोड़ के जब एक जशन मनाएगी दुनिया
तारों के सिंहासन पर जिस दिन इंसाँ को बिठाएगी दुनिया
उस दिन सब को रह-रह के मेरा ये गीत बहुत याद आएगा
इंसाँ के इरादों के आगे अम्बर भी सर को झुकाएगा
अम्बर भी सर को झुकाएगा
दुनिया की किताबों से इक दिन मुश्किल ना नाम मिट जाएगा