Mohammed Rafi
Ankhon Hi Ankhon Mein
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
गाते हो गीत क्यूँ? दिल पे क्यूँ हाथ है?
खोए हो किसलिए? ऐसी क्या बात है?
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
चलते हो झूम के, बदली है चाल भी
नैनों में रंग हैं, बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
अब ना वो ज़ोर है, अब ना वो शोर है
हमको है सब पता, दिल में जो चोर है
ये चोर कैसे गवारा हो गया?
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...
कैसा ये प्यार है? कैसा ये नाज़ है?
हम भी तो कुछ सुनें, हमसे क्या राज़ है?
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया
हाँ, आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे-बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में...