Amit Trivedi
Sandal Meraa Mann
संदल मेरा मन, तुझमें ही मगन
बादल मेरा मन, तेरी ही लगान
तू जो रतियाँ बने मेरी, मैं स्वग बनू तेरा
मैं हूँ पहली किरण तेरी, तू ही सवेरा
ये मन मेरा, तेरा हुआ
संदल मेरा मन, तुझमें ही मगन
चकोर की ही तरह मैं गाऊँ सदा
तू ही मेरा चाँद है
कली की तरह खिल के मैं फूल बनूँ, यूँही तेरे प्यार में
तेरी चौखट पे फूलों की मैं बगिया सज़ा दूँगा
तेरे कदमों में ला कर मैं सारी दुनिया बिछा दूँगा
ये मन मेरा तेरा, हुआ
संदल मेरा मन, तुझमें ही मगन
बादल मेरा मन, तेरी ही लगान
दिल की गली में तेरा पायल बजाते हुए शाम-सहर आना-जाना
हृदय गगन में प्रेम की बरखा आ के सखी अभी बरसाना