Alka Yagnik
Choodi Baji Hai
चूड़ी चोरी-चोरी कुछ कहे
"कंगना क्यूँ हँसा?"
क्या पता, क्या हुआ
चूड़ी बजी है कहीं दूर छन-छन, छन-छन
कंगना बजा है कहीं दूर खन-खन, खन-खन
हो, चूड़ी बजी है कहीं दूर छन-छन, छन-छन
कंगना बजा है कहीं दूर खन-खन, खन-खन
ये तेरा कजरा, ये तेरा गजरा
लुटा दूँ आज इस पे तन-मन-धन
हो, चूड़ी बजी है कहीं दूर छन-छन, छन-छन
कंगना बजा है कहीं दूर खन-खन, खन-खन
गिन-गिन तारे रात गुज़ारूँ
दिन-दिन भर मैं तुझे पुकारूँ, साँवरे
गिन-गिन तारे रात गुज़ारूँ
दिन-दिन भर मैं तुझे पुकारूँ
गूँजती है पवन, जैसे सन-सन, सन-सन-सन
हो, चूड़ी बजी है कहीं दूर छन-छन, छन-छन
कंगना बजा है कहीं दूर खन-खन, खन-खन
खिलते-खिलते गुल खिलते हैं
मिलते-मिलते दिल मिलते हैं, ਗੋਰੀਏ
खिलते-खिलते गुल खिलते हैं
मिलते-मिलते दिल मिलते हैं
दिल मिलें तो बजें साज़ झन-झन, झन-झन-झन
हाँ, चूड़ी बजी है...
कंगना बजा है...
हो, चूड़ी बजी है कहीं दूर छन-छन, छन-छन
कंगना बजा है कहीं दूर खन-खन, खन-खन
ये तेरा कजरा, ये तेरा गजरा
लुटा दूँ आज इस पे तन-मन-धन
लुटा दूँ आज इस पे तन-मन-धन