आँखों में सपने मेरी
लिखता है यारा सिर्फ़ तू
देखूँ मैं चाहे जिसे
दिखता है यारा सिर्फ़ तू
मेरे ही अंदर पन्ना-पन्ना
खुलता है यारा सिर्फ़ तू
दिल की तलाशी कितनी दफ़ा ली
मिलता है यारा सिर्फ़ तू
सिर्फ़ तू, सिर्फ़ तू
सिर्फ़ तू...
दिन खिले या कभी शाम ढले
रहना तू मेरे साथ
तू जो है तो मेरी साँस चले
क्यूँ जियूँ तेरे बाद
सिर्फ़ तू दुवाओं सा आए
मेरे होंठों पे सिर्फ़ तू
सिर्फ़ तू लकीरों सा लिखा
मेरे हाथों पे सिर्फ़ तू
मेरे ही अंदर पन्ना-पन्ना...
बेवजह तू मुझे आ के मिला
आ मिला जाने क्यूँ
बन गया तू जीने की वजह
बन गया जाने क्यूँ
सिर्फ़ तू इरादों में यारा मेरे
हर दफ़ा सिर्फ़ तू
सिर्फ़ तू मुरादों में यारा मेरी
बारहा सिर्फ़ तू
मेरे ही अंदर पन्ना-पन्ना...