Sachin-Jigar
Laadki Lyrics हिंदी - Angrezi Medium
बचपन में बच्चा हमारी ऊँगली पकड़ के चले है
ताकि भीड़ में खो न जाए
और जिस वो हमारी ऊँगली छोड़ देवे
तो ऐसा लागे जैसे हम ही खो गए हों
ओह री ओह चिरैया तू
कल सुबह उड़ जाना रे
आज की रात रह जा न मेरे पास
हो आज की रात रुक जा मेरे पास
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